जासं, कानपुर : नगर निगम अब थाईलैंड मूल की विशेष घास उगाकर हर साल 50 लाख रुपये बचाने जा रहा है। जाना में नगर निगम की पांच एकड़ जमीन पर इस घास का उत्पादन होगा। इससे कान्हा उपवन में रह रही 3,500 गायों को भोजन मिलेगा। इससे गोवंशों के भोजन पर हर साल होने वाला नगर निगम का करीब 50 लाख रुपये का खर्च बचेगा। जाना में ही खाली पड़ी 20 एकड़ और जमीन पर घास उगाने की तैयारी है। इसका प्रयोग अस्थायी गोशाला में रह रहे नंदियों के लिए भोजन के रूप में होगा। साथ ही बची घास को बेचकर गोशालाओं का रखरखाव किया जाएगा। गौरतलब है कि कान्हा उपवन जाना में रह रही गायों के लिए रोज नगर निगम 30 क्विंटल भोजन की व्यवस्था करता है।
नेपियर घास की खासियत नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरके निरंजन बताते हैं कि नेपियर घास बाजरा की हाइब्रिड प्रजाति है जोकि न केवल बंजर जमीन बल्कि खेतों की मेड़ों पर भी उगाई जा सकती है। केवल सिंचाई की व्यवस्था समुचित होनी चाहिए। यह घास 20 से 25 दिन में तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ लगभग 400 क्विंटल घास का उत्पादन होता है। इसे ग्रामीण भाषा में हाथी घास भी कहते हैं। एक बार घास लगने के बाद सात साल तक अपने आप उगती रहेगी।
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